The song - गीत - Lafzghar

Breaking

BANNER 728X90

Thursday, July 21, 2016

The song - गीत

kissa geet ka
क़िस्सा यही है गीत का,
मेरी हार से जीत का,
मुश्किल से उबरकर भी,
मुश्किलें संजोने का,
खुले दिल से पा लेना,
बंद हाथ का खो देना,
किसी का होकर भी ना होना,
किसी में सब बिसर जाना,
किसी के आँख के काँटे का,
किसी के मन के मीत का,
क़िस्सा यही है गीत का ।

कोई समझ से है पागल,
कोई समझ के भी पागल,
कैसी दुनिया की दारी,
मिट्टी मन के व्यापारी,
आधा भरा है पैमाना,
फिर भी आधा है पाना,
आधी प्यास की ख़ातिर तो,
लगा है सब आना जाना,

नींद भरी है आँखों में,
सपने पलक पे बैठे हैं,
थोड़े हैं सपने राज़ी,
थोड़े कैसे ऐंठे हैं,

कोई उन्हें बतलाए जो,
उनसे पुराना नाता है,
झूठा सदा सुलाएगा,
सच्चा हमें जागता है,

मैं उस सच का साथी हूँ,
साथी की उस प्रीत का,
अरे ! क़िस्सा यही हर गीत का

No comments:

Post a Comment