खुश रहें बेहतर जिएँ
क्या करते हैं आप एक अच्छी नींद के लिए? दिन भर काम करते हैं। मौज-मस्ती, मेहनत, आराम या फिर कुछ और। या फिर ये सब, या फिर इनमे से कुछ भी नहीं. स्वस्थ होंगे तो इतना ही करते होंगे, और मानसिक कबड्डी से परेशान होंगे, तो फिर नींद की गोली खाकर सो जाते होंगे। फिर भी क्या आपको नींद आती है। अक्सर पाया ये जाता है कि हम में से ज़्यादातर रात सपनों में बेचैन होते हैं, करवट बदलते रहते हैं और जिस तरह हम उठाते हैं ऐसा लगता है मानों सोए नहीं बल्कि एक दूसरी ड्यूटी करके उठे हों। और यह बात आजकल लोगों में आम पाई जा रही है।
एक सर्वे में ऐसा कहा गया है कि लगभग ३०% लोग भारत में पूरी नींद से वंचित हैं और अमेरिका में तो इसकी तादाद और ज़्यादा है, लेकिन यह सिर्फ एक आंकड़े की बात है। इस बात के गवाह तो आप खुद ही होंगे कि आप कितना उत्तम सोते हैं। इसका जवाब पाना भी बेहद आसान है। जिस दिन आप तरोताज़ा होकर, पूरे उत्साह के साथ अपने बिस्तर पर उठें मानों आपने अमृत नींद का स्वाद चखा होगा। लेकिन अगर नहीं तो फिर क्या किया जाए?
बेहद आसान है सोने के वक्त से पहले शांत हो जाएँ। किसी महापुरुष की एक किताब में मैंने पढ़ा था कि किसी के जीवन को जानना हो तो उसकी मौत को देखो, वह आपको उसके पूरे जीवन का निचोड़ बता देगी और ऐसा सच में है, मैंने अपने कई करीबियों को देखा और पाया की यह बात १००% सच थी। लेकिन इसका हमारी से क्या सम्बन्ध।
हमारी नींद भी एक छोटी मृत्यु की ही तरह है, जहाँ शरीर पूरी तरह शिथिल हो जाता है, और मन यादों के सागर में गोते लगाता हुआ यहाँ से वहाँ किसी भटके हुए नाविक सा घूमता रहता है। अगर पूरे दिन में कोई कार्य अधूरा रह गया हो, इच्छा पूरी ना हो पाई हो, कुछ अनिष्ट घट गया हो, तो उसकी भर पाई नींद के क्षणों में होती है, जिससे आपके सुकून के पलों में कटौती होती है। ऊर्जा का ह्रास होता है, जो वास्तव में आपके शरीर को मिलनी थी लेकिन वह उस वक्त आपका मन चूस रहा होता है और आप नींद से उठने के पहले काफी थका हुआ महसूस करते हैं।
घबराने की कोई बात नहीं। जो आपने दिन भर के लिए तय किया है उसे पूरा करने की कोशिश करें। सफलताओं पर ख़ुशी मनाएँ। असफलताओं से सीख लें। कुछ अच्छा हुआ तो ईश्वर, परमात्मा, भगवान् या आपके इष्ट देव आप जिसे मानते हैं उनका धन्यवाद दें। ऐसा न हो लेकिन आपके सोचे अगर बुरा हो गया हो तो, शुक्र मनाएँ कि साँसे अब भी चल रही है, सीने में हृदय गति बराबर चल रही है। अपने मन के सारे बही खाते को शून्य करें और सोने जाएँ।
आपको ये सब बातें भले ही ख्याली लगें, पर है बिलकुल प्रेक्टिकल। आप के पूरे दिन भर में जमा हुए नकारात्मक विचार आपके हृदय पर, उससे बहने वाली शक्ति पर एक अवरोध, एक गेट लगा देते हैं जो उस जीवन शक्ति को रोक देती है, जिसे हिन्दू 'आत्मा' और चीनी लोग 'ची' के नाम से पुकारते हैं। इस शक्ति का आभाव ही सारे फसाद की जड़ है। आप अपने हृदय पर जितना बोझ डालते हैं। उतना ही इस शक्ति से वंचित रहते हैं और आपका प्रत्येक दिन इस कड़ी को और बड़ा करता चला जाता है।
हृदय चक्र हमारे शरीर के सबसे शक्तिशाली चक्रों में से एक है जो सतत हमें प्रभावी ऊर्जा प्रदान करता रहता है। शायद इसीलिए धर्मों की अलग अलग धारणाओं में कहा गया है ईश्वर का निवास हृदय में होता है। लेकिन उसके द्वार को खोलना और बंद करना आपके हाथ में है। अपना हृदय हर परिस्थिति के लिए खुला रखें। खुलकर जीवन जिएँ। सदा मुस्कुराते रहें। ना बिमारी, ना कोई दुर्घटना, ना ही कोई कोई अनिष्ट क्षण कभी आपके रास्ते में आएगा, यह मेरा विश्वास है। बेहतर जिएँ सदा खुश रहें।
Wonderful and inspiring
ReplyDeletePerfectly said bro, keep moving..
ReplyDeleteIntellectual and inspiring👍👍
ReplyDeleteinspiring...carry on...😊
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