Hotel with Music without Sound - बिन आवाज़ बोलता होटल
यह बड़ी ही आम बात है कि लोग अपनी खुशियाँ मनाने, पार्टी देने, मीटिंग्स करने आजकल होटल जाने लगे हैं । खाना लज़ीज़ हो तो वाह क्या कहने । मध्धम सी रोशनी, धीमा संगीत... एक अच्छी शाम बिताने का इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है । लेकिन मुंबई के इस होटल की बात कुछ अलग ही है, यहाँ ज़बान नहीं इशारे बोलते हैं ।
जी हाँ, आपने सही पढ़ा, यहाँ ज़बान नहीं इशारे बोलते हैं । स्टार्टर मँगाना हो, या सुप पीना हो या मेन कोर्स, या कोई लाजवाब डेज़र्ट हर चीज़ के लिए एक अलग हाथ की मुद्रा का इस्तेमाल होता है और यह चिन्ह आपको मेनू कार्ड में मिल जाएँगे । मिर्ची एन्ड माइम भारत का एकमात्र ऐसा रेस्तराँ है जहाँ के फ्रंट स्टाफ में (ऑर्डर लेने और खाना परोसने वाले) कोई भी सुन व बोल नहीं सकता । खाना तो लाजवाब है ही साथ साथ लोग भी खुश मिज़ाज़ हैं । प्रकाश व रंजन द्वारा शुरू किया गया यह अलग तरीके का होटल ज़माने की आम धारा से अलग अपने आप में एक मिसाल है ।
बिना शब्दों के भी यहाँ मूक भाषा द्वारा बातचीत करना बड़ा आसान मालूम पड़ता है तथा सारी गतिविधियाँ भी सुचारू रूप से चलती हैं । खुश मिजाज़ चेहरों को देख दिल यूँ ही खुश हो जाता है और भाषाओं से परे जाकर यहाँ संवाद साधा जाता है | हम २५ - ३० लोगों का जत्था जब इस होटल में घुसा तो शांत माहौल ने हम सब के होश उड़ा दिए | पैसे तो आप हर जगह दे सकते हैं लेकिन जनाब यहाँ तो बिन शब्दों का प्यार भी बड़े करीने से परोसा जाता है |
मूक - बधीरों के लिए यह होटल एक सम्मान जनक व्यवसाय तो देता ही है साथी में देर रात घर जाने वाले कर्मचारियों को अपने घरोंदों में पूरी ज़िम्मेदारी से भी पहुँचाता है | अशक्त दिव्यान्गों के लिए किया गया यह प्रेमपूर्ण प्रयास बहुत ही सराहनीय है | तो अगली बार होली, दिवाली, ईद, न्यू ईयर पर जब आप किसी होटल जाने का मन बनाएँ तो यहाँ ज़रुर जाइएगा | सेवाएँ तो बहुत लोग आपको देंगे लेकिन आत्मीय अनुभव तो आपको यहीं मिल पाएगा | नाम याद रखिएगा - MIRCHI & MIME
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