A moment of Hope - उम्मीद से भरा एक पल - Hindi Poem - Lafzghar

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Sunday, September 20, 2015

A moment of Hope - उम्मीद से भरा एक पल - Hindi Poem

Hindi Poem

उम्मीद से भरा एक पल हूँ,
तुम्हें जीना चाहता हूँ,
दरवाज़े तुम्हारे मन के,
बंद रहते हैं हर सुबह ।

हर दोपहर भी राह तुम्हारी,
देखी है, पेड़ों के तले,
एक रोटी आराम की,
संतोष भरा जल का लोटा,
मैं लेकर के बैठा हूँ,
ना जाने तू कब आएगा ।

लो साँझ फिर से आ गई,
फिर भी फिरता है तू जग में,
जब तक रोशन है आसमान,
तू लौट आ, तू लौट आ,
भटक ना जाए तू रास्ता,
मेरे यार मुझे तेरी चिंता ।

फिर रात अन्धेरे का आँगन,
बस मैं ही हूँ तू लापता,
हर रोज़ का यही है चक्कर,
कब खुलेगा मन का दरवाज़ा ।


उम्मीद से भरा एक पल हूँ,
तुम्हें जीना चाहता हूँ,
दरवाज़े तुम्हारे मन के,
बंद रहते हैं हर सुबह ।

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