तन से उल्टा मन... - Lafzghar

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Wednesday, February 1, 2012

तन से उल्टा मन...


इस जन्म का, थका हुआ तन,
और सदियों से, भटका मन,
दोनों का जो मेल हुआ,
याद आए हैं भगवन ।।

मन दौड़े कभी यादो में,
कभी ख्वाबो में, कभी बातों में,
तन आराम का चाहे दिन,
सोता रहे है रातो में ।।

जीने का बस ये कारण,
उल्टा जीता जाए जन,
हर पल सोना चाहे तन,
जागना चाहे अपना मन ।।

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